तेलंगाना के मुलुगु में आया 5.3 तीव्रता का भूकंप (earthquake) ; दूर दराज के क्षेत्रों ने भी किए झटके महसूस 

तेलंगाना के मुलुगु में आया 5.3 तीव्रता का भूकंप ; दूर दराज के क्षेत्रों ने भी किए झटके महसूस

 

तेलंगाना के मुलुगु में आया ‘मध्यम’ भूकंप पिछले 55 वर्षों में इस क्षेत्र में दर्ज किया गया दूसरा सबसे बड़ा भूकंप है। हैदराबाद और पड़ोसी जिलों में 200 किलोमीटर दूर भूकंप के झटके महसूस किए गए। एनजीआरआई के निदेशक ने कहा कि ये ‘बड़े भूकंप’ नहीं हैं। तेलंगाना में आज भूकंप: राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि सुबह 7:27 बजे तेलंगाना के मुलुगु में 5.3 तीव्रता का भूकंप आया।

एनजीआरआई के निदेशक प्रकाश कुमार ने बुधवार को बताया कि, “5 जुलाई, 1969 को भद्राचलम में रिक्टर स्केल पर 5.7 की तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था, जो इस क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा भूकंप रहा है, और इसके अलावा 1983 में मेडचल में 4.8 और 2021 में पुलीचिंतला में भी 4.6 की तीव्रता वाले दो और भूकंप आ चुके हैं।”

सीएसआईआर-राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) के वैज्ञानिकों ने बताया कि सोमवार (4 दिसंबर, 2024) को हैदराबाद से करीब 250 किलोमीटर दूर तेलंगाना के मुलुगु जिले के मेदारम में रिक्टर पैमाने पर 5.0 तीव्रता का ‘मध्यम’ भूकंप आया, जो इस क्षेत्र में पिछले 55 वर्षों में दर्ज किया गया दूसरा सबसे बड़ा भूकंप है, लेकिन “आम जनता के लिए चिंता की कोई बात नहीं है”।

तेलंगाना वेदरमैन नामक एक एक्स यूजर ने कहा, “पिछले 20 सालों में पहली बार तेलंगाना में सबसे शक्तिशाली भूकंप आया, जिसका केंद्र मुलुगु में 5.3 तीव्रता का भूकंप था।”

यूजर ने कहा कि हैदराबाद समेत पूरे तेलंगाना में भूकंप के झटके महसूस किए गए।

तेलंगाना भूकंप से दहशत में नागपुर:

नागपूर में भी महसूस किए गए तेज झटके तेलंगाना के मुलुगु में 5.3 तीव्रता के भूकंप के आने के बाद नागपुर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। नागपुर के नागरिकों ने इमारतों के हिलने की सूचना दी, लेकिन नागपुर के जिला कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। नागपुर को भूकंपीय क्षेत्र II के तहत सुरक्षित क्षेत्र के रूप में वर्गीकृत किया गया है। नागपुर के जिला कलेक्टर विपिन इटनकर ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है और जिले में कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। उन्होंने कहा, “हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं।”

चार भूकंपीय क्षेत्र हैं भारत में:

भारत में कुल चार भूकंपीय क्षेत्र हैं जो इस प्रकार हैं जोन II, जोन III, जोन IV और जोन V. जोन V में भूकंपीयता का उच्चतम स्तर अपेक्षित है, जबकि जोन II में भूकंपीयता का निम्नतम स्तर है। तेलंगाना को जोन II में रखा गया है, जो एक कम तीव्रता वाला क्षेत्र है। देश का लगभग 11% हिस्सा जोन V में, लगभग 18% जोन IV में, लगभग 30% जोन III में और शेष जोन II में आता है। भारत का कुल लगभग 59% भूभाग (भारत के सभी राज्यों को कवर करते हुए) विभिन्न तीव्रता के भूकंपों के लिए प्रवण है।

नवंबर में कहां – कहां आया भूकंप

इसके अलावा नवम्बर में इन स्थानों पर भी भूकंप के झटके महसूस किए गए

30 नवंबर की रात को असम के कार्बी आंगलोंग में 2.9 तीव्रता का भूकंप आया। एनसीएस के अनुसार, भूकंप का झटका सुबह करीब 2:40 बजे दर्ज किया गया और इसका केंद्र कार्बी आंगलोंग क्षेत्र में 25 किलोमीटर की गहराई पर था।

28 नवंबर को जम्मू और कश्मीर में 5.8 तीव्रता का भूकंप आया, लेकिन किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

अधिकारियों ने बताया कि भूकंप का केन्द्र अफगानिस्तान में 36.49 डिग्री उत्तरी अक्षांश तथा 71.27 डिग्री पूर्वी देशांतर पर 165 किलोमीटर की गहराई पर था।

तेलंगाना के मुलुगु में मेदारम में आज सुबह करीब 7.27 बजे (भारतीय मानक समय) भूकंप के झटके जुड़वां शहरों और आस-पास के जिलों के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए, जो 200 किलोमीट से भी अधिक दूर हैं।

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