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Toggleआंकड़ों के अनुसार शेयर बाजार (Share Market) कुछ हफ्तों में ही काफी गिर चुका है जिसमे सेंसेक्स करीब 6000 अंक टूट चुका है और निफ्टी करीब 1900 अंक गिर चुकी है. ऐसे में, काफी निवेशकों का धैर्य में जवाब दे रहा है. इस दौरान सबसे ज्यादा मिडकैप और स्मॉल कैप शेयरों में गिरावट आई है.
शेयर बाजार (Share Market) के लगातार गिरने के कारण सभी छोटे बड़े निवेशक चिन्तित है क्योंकि कोविड काल के बाद से पिछले 3 से 4 वर्षों में रिटेल निवेशकों ने इतनी बड़ी गिरावट का सामना नहीं किया। आंकड़ों के लिहाज कोविड काल के बाद अक्टूबर-2024 यानी मौजूदा महीना शेयर बाजार (Share Market) के लिए सबसे खराब साबित हुआ है. ऐसे में निवेशकों का घबराना स्वाभाविक है।
दरअसल, गिरते शेयर बाजार (Share Market) के साथ – साथ निवेशकों की उम्मीद भी कम हो रही है क्योंकि उम्मीद यही रहती है कि अब गिरावट थमेगी, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है, गिरावट का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को भी शेयर बाजार में निफ्टी 219 अंक गिरकर 24180 और सेंसेक्स 663 अंक गिरकर 79402 के आसपास ट्रेड कर रहा है।
आंकड़ों के मुताबिक सेंसेक्स में एक महीने में लगभग 5500 अंकों की गिरावट तथा निफ्टी में लगभग 1800 अंकों की गिरावट देखी गई है। ऐसे में, निवेशकों का धैर्य जवाब दे रहा है और निवेशकों के बीच बेचैनी बढ़ रही इस दौरान सबसे ज्यादा मिडकैप और स्मॉल कैप शेयरों में गिरावट हुई है। काफी शेयर अपने हाई से लगभग 15 से 20 फीसदी तक नीचे आ गए हैं उदाहरण के लिए – AKI India 15.25 फीसदी गिर गया और Rossell India एक महीने में 47 फीसदी गिर गया।
अब सवाल उठता है कि आखिर में बाजार (Share Market) इस तरह से क्यों गिर रहा है, और कहां जाकर सपोर्ट ले सकता है. जानकारों की मानें तो बाजार में इस बड़ी गिरावट के पीछे कुछ कारण है,
तिमाही के नतीजे:-
तिमाही के नतीजे अच्छे नहीं आने की वजह से शेयरों में गिरावट हो रही है, जो कमजोर नतीजे पेश कर रहे हैं. जिससे शेयर बाजार (Share Market) का सेंटीमेंट लगातार बिगड़ते जा रहा है. खासकर ऑटो सेक्टर, FMCG और कुछ टेक कंपनियों के रिजल्ट ने बाजार को तगड़ा झटका दिया है.
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI):-
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक लगातार भारतीय बाजार (Share Market) से पैसे निकाल रहे हैं, जबकि उस अनुपात घरेलू निवेशक खरीदारी नहीं कर रहे हैं, कुछ महीने पहले तक ऐसा होता था कि जब भी FII की तरफ से बिकवाली होती थी, तो घरेलू निवेश की तरह से बड़ी खरीदारी देखने को मिल जाती थी. लेकिन इस बार वैसा नहीं हो रहा है. पिछले एक महीने में FII भारतीय बाजार से करीब 1 लाख करोड़ रुपये निकाल चुके हैं.
इसका एक मुख्या कारण, चीन में लगातार आर्थिक पैकेज की घोषणा होने से कुछ विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसे निकालकर चीन की तरह रुख कर रहे हैं, जिससे बाजार में गिरावट हावी हो रहा है.
करेक्शन का समय:-
पिछले एक-डेढ़ साल में फंडामेंटली स्टॉक्स में अच्छी-खासी तेजी देखने को मिली, लेकिन भीड़ में कुछ ऐसे शेयर भी खूब भागे, जिसके बढ़ने के कोई खास कारण नहीं थे. खासकर सरकारी कंपनियां के शेयर, रेलवे शेयर, न्यू टेक्नोलॉजी कंपनियों के शेयर और सरकारी बैंकों के शेयरों में खूब तेजी देखने को मिली थी। जो कि ग्रोथ के मुकाबले काफी ज्यादा था. काफी शेयर ऐसे हैं जिनमें करेक्शन की काफी जरूरत थी, अब ऐसे शेयरों में काफी गिरावट देखी जा रही है। खासकर महंगे वैल्यूवेशन वाले शेयरों में बिकवाली हावी है, और ऐसे शेयर अपने हाई 50 फीसदी तक टूट चुके हैं.
पश्चिमी देशों में तनाव:-
युद्ध के कारण पश्चिमी देशों में काफी तनाव हो रहा है जिसके कारण सभी देशों में तनाव का माहौल पैदा हो रहा है। इस कारणवश विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भी इनवेस्टमेंट करने से डर रहे है।
कहां थम सकती है गिरावट? जानकारों की मानें बाजार बिकवाली जोन में है, निफ्टी पहला सपोर्ट 24000 अंक पर है, उसके बाद मजबूत सपोर्ट 23800 अंक पर है, जहां से बाजार (Share Market) का मूड बदल सकता है.
(शेयर बाजार (Share Market) में निवेश से पहले वित्ती
य सलाहकार मदद जरूर लें)